한국어 English 日本語 中文简体 Deutsch Español हिन्दी Tiếng Việt Русский LoginCadastre-se

Login

Bem-vindo(a)!

Obrigado por visitar a página web da Igreja de Deus Sociedade Missionária Mundial.

Você pode fazer login para acessar a área exclusiva para os membros da página web.
Login
Usuário
Senha

Esqueceu-se da Senha? / Cadastre-se

Na Coreia

संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी के कार्यान्वयन के लिए 2017 ASEZ अंतर्राष्ट्रीय फोरम

  • Nação | कोरिया
  • Data | Dezembro 07, 2017
ⓒ 2017 WATV
No Fórum Internacional do ASEZ de 2017, estiveram presentes mais de 3.000 pessoas: os membros universitários de cerca de 400 universidades na Coreia, estudantes internacionais, funcionários das embaixadas, professores universitários e jornalistas.



वर्ष समाप्त होने और नए वर्ष की तैयारी करने के समय, दुनिया के साथ आशाजनक भविष्य बनाने के लिए एक सार्थक कार्यक्रम था। वह 7 दिसंबर को नई यरूशलेम फानग्यो मंदिर में आयोजित यूएन के एसडीजी के कार्यान्वयन के लिए 2017 ASEZ अंतर्राष्ट्रीय फोरम था।

सतत विकास लक्ष्य(एसडीजी), 2015 में संयुक्त राज्य द्वारा अपनाई गई एक कार्यसूची है और मानवजाति के सतत विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक सार्वजनिक लक्ष्य है। इस विचार के तहत, “किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना,” इसमें 17 लक्ष्य, 169 विशेष लक्ष्य और 230 सूचियां शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने वर्ष 2030 तक गरीबी, बीमारी, शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक समस्या जैसे मानवजाति की सामान्य समस्यों को हल करने के लिए और वैश्विक पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए अंगीकृत किया है। चर्च ऑफ गॉड ने इस फोरम को इसलिए आयोजित किया ताकि यूएन के सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) के बारे में ध्यान आकर्षित करने और उस पर विश्वविद्यालय के छात्रों के यर्थाथवादी और प्रामाणिक गतिविधियों के लिए उनके व्यक्तित्व और ज्ञान को बढ़ावा दे सके।

इस कार्यक्रम में 16 देशों से 3,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया जो पर्यावरण, कल्याण और आपात राहत कार्य इत्यादि जैसी सामाजिक समस्याओं को हल करने में रुचि रखते हैं जिसमें कोरिया के 400 विश्वविद्यालय के छात्र, जर्मनी, तंजानिया, रूस और फ्रांस के विदेशी छात्र थे और कोरिया में केन्या और इराकी दूतावास के अधिकारी, प्रोफेसर और पत्रकार थे।

ⓒ 2017 WATV

फोरम निम्नलिखित क्रम में आयोजित किया गया था: सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) का परिचय, कार्यान्वयन योजना और विश्वविद्यालय के छात्रों की भूमिका। प्रधान पादरी किम जू चिअल ने उद्घाटन भाषण में जोर देकर कहा, “सभी वैश्विक समुदाय के सदस्यों को जलवायु परिवर्तन, संघर्ष, गरीबी, बीमारी और जैव विविधता जैसे वैश्विक मुद्दों को हल करने के लिए व्यक्तियों, क्षेत्रों और देशों से परे एकसाथ मिलकर काम करना चाहिए। एक माता अपने बच्चे के साथ समर्पित प्रेम से शुरुआत से अंत तक रहती है, और आशा करती है कि अपना बच्चा अच्छे से बढ़े और खुश रहे। उसी तरह यदि विश्वविद्यालय के छात्र अपनी बुद्धिमानी और महत्वाकांक्षा के साथ माता के प्रेम के आधार पर संसार की सेवा करें तब दुनिया बदल जाएगी।” और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी यह कहकर अपील की, “सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए बुद्धि और संकल्प इकट्ठा करें जिससे दुनिया के संघर्षों और विवादों को हल कर सकता है और दुनिया सतत विकास और शान्ति पा कर सकती है। केन्या दूतावास मिशन उप–प्रमुख श्रीमान गाठोगा डब्लू छेगे ने अपने बधाई भाषण में कहा, “विश्वविद्यालय के छात्र भविष्य नीति निर्माता हैं। मैं आपसे सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने का आग्रह करता हूं।”

फिर ASEZ प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने की विधि थी। चर्च ऑफ गॉड के विश्वविद्यालयों के छात्रों का स्वयंसेवा–दल ASEZ जिसने फोरम का आयोजन किया, वह माता के प्रेम से शुरुआत से अंत तक पृथ्वी को बचाने के लिए स्थापित किया गया और वह सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां चला रहा है। अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर उन्होंने पांच मुद्दों के प्रस्ताव प्रतिपादित किया जैसे कि ‘विश्वविद्यालय छात्र सेवा कार्यक्रम को विस्तारित करने के द्वारा ग्लोबल गवर्नेंस(वैश्विक स्तर पर सहकारी प्रबंधन) का गठन’, ‘सरकारी एजंसियों, सरकारी कार्यालयों और विश्वविद्यालयों के साथ भागीदारी’ और ‘अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय दिवस नियत करना’ इत्यादी। संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून, रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार विजेता रॉबर्ट हुबर सहित राजनयिकों, स्थानीय सरकार के प्रमुखों, विश्वविद्यालय के अध्यक्षों और प्रोफेसरों, विश्वविद्यालय के छात्रों और आम जनताओं जैसे 26,000 से अधिक लोगों ने ASEZ के प्रस्ताव को ऑनलाइन या ऑफलाइन के द्वारा समर्थन देने के लिए हस्ताक्षर किए हैं। इस दिन पर, फोरम में उपस्थित अतिथियों, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और 17 शहरों और प्रांतों के छात्रों के प्रतिनिधियों ने भी स्वयं हस्ताक्षर करके समर्थन दिया। यह प्रस्ताव समर्थन हस्ताक्षर के साथ संयुक्त राष्ट्र को भेजा जाएगा।

दूसरे भाग में ASEZ का परिचय और विदेशी गतिविधि, अतिथि व्याख्यान और विदेशी विश्वविद्यालय के छात्रों की रिपोर्ट जैसे कार्यक्रम थे। ग्यंग ही विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल स्टडीज के ग्रेजुएट स्कूल में एसोसिएट प्रोफेसर इम्मानुएल पेस्ट्राइच ने विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए विश्वविद्यालय छात्रों की भूमिका और स्वयंसेवाओं के प्रभाव के विषय पर व्याख्यान दिया। सियोल में ग्वानाक–गु संसद के महासचिव होंग ही यंग ने कोरिया में पर्यावरण समस्याओं और इसे हल करने के लिए स्थानीय सरकारों की गतिविधियों के बारे में बताया और छात्रों को दिशा दी जिसकी ओर उन्हें बढ़ना चाहिए। जर्मन विनिमय विद्यार्थी पॉल स्किनोल(केम्यंग विश्वविद्यालय में 4थी कक्षा) और स्कॉटलैंड विनिमय विद्यार्थी मारथा मैकमिलन(केम्यंग विश्वविद्यालय में 2री कक्षा) ने शरणार्थी समस्याओं, स्वास्थ्य और लिंग समानता के बारे में रिपोर्ट दी।

विभिन्न अतिरिक्त कार्यक्रमों ने सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) के कार्यान्वयन के लिए प्रतिभागियों को बढ़ाने के लिए योगदान भी दिया जिसमें ASEZ का गतिविधि और सतत विकास लक्ष्यों का परिचय पैनल की प्रदर्शनी और कार्य योजनाएं लिखने का खंड था। और एसडीजी के अनुभव तम्बू में प्रतिभागी जलवायु परिवर्तन से निपटने का उपाय करना, असमानताओं को हल करना और महासागरों और भूमि की रक्षा के लिए विचार करना इत्यादी विभिन्न कार्यक्रमों का अनुभव कर सके।

फोरम के द्वारा, छात्र पृथ्वी के बारे में और उन समस्याओं के बारे में जिनका मानवजाति को सामना करना पड़ता है, पूरी तरह जान सके और उन्होंने अपनी स्वयंसेवक सेवा के द्वारा सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) को पूरा करने का संकल्प व्यक्त किया।

छवे ही वन(22, ग्यंग ही विश्वविद्यालय में 3री कक्षा की छात्रा) ने कहा, “सतत विकास लक्ष्य(एसडीजी) गरीबी, भूख और जलवायु मुद्दों के बारे में है, और इन चीजों के लिए हमें अभी कुछ करना चाहिए। मैं जान गई कि विश्वविद्यालय के छात्रों को जिनके पास ज्यादा बुद्धि और ताकत होती है, और जो भविष्य का नेतृत्व करेंगे, इसमें आगे रहना चाहिए।”

इ जीन ह्यंग(25, म्योंगजी कालेज में 2री कक्षा की छात्र) ने कहा, “माता वह है जो पहले दौड़ती है जब अपना बच्चा खतरे में या बीमार होता है, और जो अन्त तक बच्चे की देखभाल करती है। फोरम में मैंने सीखा कि यदि हम पृथ्वी की देखभाल वैसे ही करें, जैसे माता अपने बच्चे की चिंता करती है, तो हम लगातार स्वयंसेवा कर सकेंगे और अच्छे परिणाम पाएंगे।”

ASEZ ने सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) को पूरा करने में वैश्विक समुदायों को भाग लेने का आग्रह करने के लिए दिसंबर 2017 के अन्त तक दस देशों में फोरम आयोजित किया – कोरिया, अमेरिका, जर्मनी, तायवान, भारत, पेरू, चिली, अर्जेंटीना, फिलीपींस, और मंगोलिया। माता का प्रेम देने के द्वारा, जो भेदभाव के बिना मानवता के प्रति महान प्रेम है, वह दुनिया बनाने के लिए, जहां हर कोई खुश है और कोई भी पीछे नहीं छूटा है, ASEZ के कदम नए वर्ष 2018 में भी जारी रहेंगे।

ⓒ 2017 WATV
Os universitários participaram do fórum e fortaleceram sua vontade para a implementação dos ODS da ONU.



‘यूएन के एसडीजी के कार्यान्वयन के लिए 2017 ASEZ अंतर्राष्ट्रीय फोरम’ के लिए इंटरव्यू और बधाई तार

रॉबर्ट हुबर (1988 का रसायन का नोबेल पुरस्कार विजेता, जर्मनी में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ बायोकेमिस्ट्री के पूर्व प्रमुख)
“मैं ऐसा सोचता हूं कि ASEZ की गतिविधियां संवाद है। सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संवाद महत्वपूर्ण बात है। मैं आपकी अच्छी किस्मत होने की कामना करता हूं।”

एच.ई. बासंजव गनबोल्ड (कोरिया में मंगोलिया के राजदूत)
“सबसे पहले ASEZ के सभी सदस्यों को मैं हार्दिक अभिवादन करना चाहूंगा। यह एकदम नया गतिविधि है कि एक विश्वविद्यालय छात्र संघ नागरिक समाज में पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वयं योजना बनाता है और उसमें भाग लेते हैं। मंगोलिया पूर्ण रूप से आपका समर्थन करेगा।

थॉमस लेहमन (कोरिया में डेनमार्क के राजदूत)
“मैं इस फोरम में भाग लेने के लिए आप सभी, ASEZ छात्रों को बधाई देना चाहता हूं। आप ही पूथ्वी की भविष्य हैं और आप ही केंद्रीय भाग हैं जिन्हें पर्यावरण की समस्याओं के बारे में वाद–विवाद करना चाहिए। हौसला रखें!”

गाथोगा डब्लू. छेगे (कोरिया में केन्याई दूतावास में मिशन के उप प्रमुख)
“विश्वविद्यालय के छात्र सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) के बारे में चर्चा करना बहुत ही सार्थक बात है। आप कल के नेता हैं और दुनिया का भविष्य हैं। विशेष रूप से, जब आप दूसरों के प्रति विचारशील हैं, तब आप स्वयंसेवा कर सकते हैं। मुझे लगता है कि कोरिया में विश्वविद्यालय छात्र जो माता के प्रेम से काम करते हैं, उनके पास स्वयंसेवकों का पर्याप्त रवैया है।”

फ्रैंक रिज्सबेरमन (ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर जनरल)
ASEZ विश्वविद्यालयों के छात्र का फोरम जानकर मैं बहुत प्रसन्न हूं, जो अ(शुरू) से ढ (अंत) तक पृथ्वी को बचाने के लिए हर गतिविधि कर रहे हैं। मुझे आपको भविष्य के नायकों के रूप में भविष्य में ग्रीन जॉब्स के मौके पैदा करने और सतत पृथ्वी बनाने की कोशिश करते हुए देखकर अच्छा लगता है। इस अच्छी लड़ाई में भाग लेने के लिए हमें आपकी जरूरत है।”

गणेश शाह (पूर्व नेपाली पर्यावरण मंत्री)
“मैं ASEZ को सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) को सफलतापूर्वक हासिल करने में सक्रिय रूप से मदद करूंगा। मुझे आशा है कि दूसरे लोग भी ASEZ की इन गतिविधियों की मदद करें। अवश्य ही आगामी पीढ़ी सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के हमारे प्रयासों के लिए धन्यवाद देगी।

इम्मानुएल पेस्ट्राइच (ग्यंग ही विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल स्टडीज के ग्रेजुएट स्कूल में एसोसिएट प्रोफेसर)
“यह देखना प्रभावशाली था कि विश्वविद्यालय के छात्रों को गंभीर समस्याओं को सुलझाने के लिए पहले खुद को समर्पित करते हैं और अग्रदूत होने की कोशिश करते हैं। माता के प्रेम से, जो अपनी संतानों की देखभाल करती हैं, मानवता का ख्याल रखने का मतलब है कि आप हर एक को अपने परिवार के रूप में मानेंगे। यदि सभी लोग एकसाथ ऐसा करें, तो सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) को प्राप्त करने में बहुत मदद मिलेगी।”

जीन–मैरी रोबिन (फ्रांस के राष्ट्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में रिसर्च प्रोफेसर)
सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) को हासिल करने के लिए, जो अत्याधिक महत्वपूर्ण है, छात्रों को यूएन के प्रयासों में भाग लेते देखखर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। दुनिया भर में बहुत सी अविकसित देश हैं। मैं अपेक्षा करता हूं कि इस असमानताओं को कम करने में ASEZ विश्वविद्यालयों के छात्र बड़ी भूमिका निभाएंगे।

एल–रोइ एलिउड एस्सेको (तंजानिया से छात्र, जो कोरिया के विश्वविद्याल में पढ़ाई करने वाला है)
“मुझे आश्चर्य हुआ कि विश्वविद्यालय के छात्रों के पास वैश्विक परिप्रेक्ष्य है और स्वयंसेवा कार्य में पहल करते हैं। इस फोरम में आए विश्वविद्यालय के छात्रों में से कुछ भविष्य में विश्व नेता बनेंगे। अपेक्षा है कि यह फोरम सही नेतृत्व प्राप्त करने में सकारात्मक प्रभाव डालेगा।”
Vídeo de Apresentação da Igreja
CLOSE
​TV​
Igreja de Deus Sociedade Missionária Mundial, Workshop Ambiental. Medidas de protecção do ambiente debatidas por técnicos em Luanda.
Jornal
IGREJA DE DEUS SOCIEDADE MISSIONÁRIA MUNDIAL Medidas de protecção do ambiente debatidas por técnicos em Luanda
Internet
Responsável defende maior envolvimento na gestão dos resíduos