झोपड़ियों का पर्व
झोपड़ियों का पर्व सारे वार्षिक पर्वों का आखिरी पर्व है। पुराने नियम के समय इस्राएलियों ने दूसरी बार दस आज्ञाएं प्राप्त करने के बाद उन्हें रखने के लिए तम्बू का निर्माण किया। इससे झोपड़ियों के पर्व की शुरुआत हुई। जब मूसा ने लोगों को तम्बू बनाने का परमेश्वर का आदेश बताया, तब सातवें महीने के पंद्रहवें दिन से शुरू करके, कुल 7 दिनों तक इस्राएली जिनके मन ने उन्हें प्रोत्साहित किया, तम्बू के निर्माण के लिए सामग्रियां ले आए। इस घटना को स्मरण करने के लिए इस्राएली झोपड़ियों के पर्व के दौरान, खजूर जैसे वृक्षों की डालियां एकत्रित करके झोपड़ियां बनाते थे और सात दिनों तक उनमें रहते थे। यह इतिहास दर्शाता है कि नए नियम के समय परमेश्वर के लोगों को जो स्वर्ग के मन्दिर की सामग्रियां हैं, एकत्रित करने के लिए प्रचार की सभा होगी(निर्गमन का 35वां और 36वां अध्याय; लैव 23:33–44; यिर्म 5:14)। 8 अक्टूबर(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का पंद्रहवां दिन) को झोपड़ियों के पर्व की पवित्र सभा हुई। सदस्य प्रायश्चित्त के दिन पापों की क्षमा से शुद्ध किए जाने के बाद झरने की तरह पवित्र आत्मा पाने के लिए खुशी और धन्यवाद के साथ अपने चर्च की ओर चले।
कोरिया के बुंदांग में स्थित नई यरूशलेम मंदिर में हुई आराधना के दौरान,
माता ने पिता को धन्यवाद दिया जिन्होंने कटनी का पर्व, यानी झोपड़ियों के पर्व के द्वारा स्वर्ग से बिछुड़े परिवार वालों को ढूंढ़ने के लिए पवित्र आत्मा के आगमन का आंदोलन चलाने की अनुमति दी है, और उन्होंने यह भी प्रार्थना की कि पूरे संसार में सभी संतान प्रचुर मात्रा में पिछली बरसात का पवित्र आत्मा पाएं ताकि वे नूह, इब्राहीम, पतरस, पौलुस इत्यादि विश्वास के पूर्वजों की तरह दृढ़ विश्वास और पूरे साहस के साथ नई वाचा का प्रचार कर सकें और सारी मानव जाति को उद्धार की ओर ले आ सकें। ⓒ 2014 WATV
प्रधान पादरी किम जू चिअल ने झोपड़ियों के पर्व को हर्ष के पर्व के रूप में परिभाषित किया, जिसे परमेश्वर ने हमें सुसमाचार के प्रचुर फल प्रदान करने के लिए स्थापित किया है। उन्होंने बाइबल के उस लेख का उल्लेख करके, जिसमें यीशु ने झोपड़ियों के पर्व के अंतिम दिन जीवन का जल, यानी पवित्र आत्मा प्रदान किया था और सत्य का प्रचार किया था, सदस्यों को प्रोत्साहित किया कि यीशु जिन्होंने झोपड़ियों के पर्व में प्रचार किया था उनके आदर्श का अनुकरण करके पूरी लगन से सुसमाचार का प्रचार करें और बहुत आत्माओं की उद्धार की ओर अगुवाई करें(नहे 8:13–18; इफ 2:19–22; यश 60:1–5)।
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उस दिन से लेकर सात दिनों तक प्रचार–सभा जारी रही। विश्व भर में सभी सदस्यों ने भोर और शाम को एक मन होकर परमेश्वर से पवित्र आत्मा के वरदान मांगे, और आत्मिक मन्दिर की सामग्रियों को एकत्रित करने का सुसमाचार का मिशन खुशी एवं उत्सुकता के साथ पूरा करने का प्रयास किया। पर्व के आठवें दिन, यानी 15 अक्टूबर(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का बाईसवां दिन) के दिन उन्होंने झोपड़ियों के पर्व के अन्तिम दिन की आराधना में भाग लिया जिसमें पिछली बरसात के पवित्र आत्मा का वादा किया गया।
सुबह की आराधना में प्रधान पादरी किम जू चिअल ने प्रचुर मात्रा में पवित्र आत्मा बरसने की आशा की और बाइबल की इस भविष्यवाणी को दिखाया कि जीवन का जल यरूशलेम से बह निकलेगा। उन्होंने कहा, “जैसे 2 हजार वर्ष पहले लोगों ने यीशु पर विश्वास करने के द्वारा पवित्र आत्मा पाया था, वैसे ही इस युग में हम तब ही पवित्र आत्मा पा सकते हैं जब हम पवित्र आत्मा और दुल्हिन पर विश्वास करते हैं जो हमारे पिता परमेश्वर और नई यरूशलेम स्वर्गीय माता हैं।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें माता परमेश्वर के प्रति विश्वास को मजबूत करना चाहिए और सुसमाचार की नहर खोलने का हर संभव प्रयास करना चाहिए ताकि जीवन के जल की नदी पूरे संसार में बहकर जाति–जाति के लोग चंगे हो सकें(यूह 7:1–39; जक 14:16–19; प्रक 22:17; प्रक 21:9–16; गल 4:26–31; यहेज 47:1–12)।
दोपहर की आराधना में माता ने “उसके नियम सब लोगों के नियमों से भिन्न हैं,” इस शीर्षक के अंतर्गत एस्तेर के इतिहास के बारे में शिक्षा दी।
उन दिनों में जब मादी–फारस के राजा क्षयर्ष ने राज्य किया, उच्च सत्ताधारी हामान ने यहूदियों से घृणा की जिन्होंने सब लोगों के नियमों से भिन्न नियम, यानी परमेश्वर के नियमों का पालन किया। सभी यहूदियों की हत्या करने के लिए, उसने राजा क्षयर्ष के सामने यहूदियों पर झूठा दोष लगाया और पत्र में राजा की ओर से यह लिखा, “सब यहूदियों को मार डालो,” और उसे प्रत्येक प्रान्त में भेजा।
जब रानी एस्तेर ने जो एक यहूदी थी, अपने लोगों के संकट को सुना, उसने गहरी व्यथा के साथ यहूदियों के संग तीन दिन उपवास और प्रार्थना की, और वह राजा क्षयर्ष के पास गई। जब राजा ने एस्तेर से सुना कि हामान ने यहूदियों को मारने की साजिश रची, वह बहुत ही क्रोधित हुआ और हामान को मार डाला, और प्रत्येक प्रान्त में यह पत्र भेजा कि यहूदियों की सुरक्षा करें, और जो यहूदियों की घात में लगे हैं उन्हें नष्ट करें। इसके द्वारा विनाश के संकट में पड़े यहूदियों को महिमा, हर्ष और प्रतिष्ठा मिली(एस्तेर में 3 से 8वां अध्याय)।
माता ने एस्तेर के इतिहास के बारे में समझाया
और कहा, “जैसा कि पुराने समय में हुआ था, हम इसलिए दुखों को झेलते हैं क्योंकि हम परमेश्वर के नियमों का पालन करते हैं। लेकिन इस समय के दुख उस महिमा के सामने, जो हम पर प्रगट होनेवाली है, कुछ भी नहीं हैं। परमेश्वर उनकी सुरक्षा करते हैं जो अन्त तक परमेश्वर के नियमों का पालन करते हैं, और उन्हें आखिर में विजय दिलाते हैं।” माता ने सदस्यों से यह अनुरोध किया, “चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए, आइए हम स्वर्ग की आशा करते हुए अन्त तक परमेश्वर के नियमों का पालन करें, जिनमें अनन्त जीवन का वादा किया गया है। चूंकि हम सब ने झोपड़ियों के पर्व के दिन बहुतायत में पिछली बरसात का पवित्र आत्मा पाया है, इसलिए जो सत्य न जानने के कारण उद्धार नहीं पा सके हैं, उन्हें बचाने के लिए आइए हम अपने पवित्र आत्मा की शक्ति का पूरा उपयोग करें।(यिर्म 6:18–19; दान 12:1–3)”
सब तीन बार के सात पर्व, जो वर्ष 2014, यानी आत्मिक जुबली के वर्ष में हुए, झोपड़ियों के पर्व के साथ समाप्त हुए। सदस्यों ने दिल की गहराई से परमेश्वर को धन्यवाद दिया जिन्होंने नई वचा के पर्वों के द्वारा उन्हें स्वर्गीय संतान के रूप में प्रमाणित किया है, और एक संकल्प बनाया कि वे पवित्र आत्मा की शक्ति के द्वारा वह कार्य पूरा करेंगे जिससे परमेश्वर ने जुबली के वर्ष में बड़ी आशीषें देने का वादा किया है।
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