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Na Coreia

जुबली के वर्ष की आशीष में आयोजित वर्ष 2014 महासभा

  • Nação | कोरिया
  • Data | Março 31, 2014
ⓒ 2014 WATV
31 मार्च पवित्र वर्ष के अनुसार पहले महीने का पहला दिन था। नियमित महासभा शुरू होने से पहले ही कोरिया और कोरिया के बाहर के देशों में पुरोहित कर्मचारियों को ओकछन गो एन्ड कम संस्थान में 24 से 30 तारीख तक, यानी सात दिनों तक शिक्षा दी गई थी। शिक्षा के द्वारा, उन्होंने परमेश्वर के वचनों का अध्ययन किया और सुसमाचार के मिशन और पुरोहित कर्मचारी की उचित मानसिकता के लिए खुद को सुधारा।

31 तारीख को सुबह 10 बजे संस्थान के प्रतिज्ञा मंदिर में ‘वर्ष 2014 महासभा’ के लिए आराधना शुरू हो गई, और उसमें पुरोहित कर्मचारी और प्रधान कार्यालय के पदधारी सदस्य उपस्थित हुए।


जुबली के वर्ष की आशीष में महासभा का आयोजन करने के लिए, माता ने पिता परमेश्वर को धन्यवाद दिया, और दुनिया भर के सभी चर्च और सदस्यों के लिए प्रार्थना की कि वे पवित्र आत्मा की आशीष से भर जाएं जो पवित्र वर्ष के अनुसार नए वर्ष के लिए तैयार की गई है। और माता ने आग्रह के साथ प्रार्थना की कि परमेश्वर के अनुग्रह में सभी सदस्य आर्थिक मंदी और विभिन्न आपदाओं के बावजूद स्वर्ग के राज्य के प्रति आशा रखें, हमेशा धन्यवाद दें, और पूरी तरह से विश्वास के दीपक और तेल को तैयार करें ताकि वे परमेश्वर को प्रसन्न कर सकें।

माता ने पिछले वर्ष सुसमाचार फैलाने के लिए दुनिया भर के सभी सदस्यों के द्वारा किए गए प्रयासों पर चर्चा कर उनके प्रयासों की सराहना की, और “मैं तेरी सहायता करूंगा,” इस विषय के द्वारा उस विश्वास के बारे में शिक्षा दी जो नबियों के पास होना चाहिए।

“पंख फैलाई हुई चिड़ियों के समान मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा,”(यश 41:10–13; यश 31:4–5; यश 35:3) इस वचन को प्रस्तुत करके, माता ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा का जिक्र किया, और उन्होंने कहा, “चूंकि परमेश्वर स्वयं दुष्ट शैतान की सभी झूठी निंदाओं के विरुद्ध हमारी सहायता करते हैं, तो हम सुसमाचार का प्रचार करके गरीब आत्माओं को बचाने के लिए अपनी कड़ी मेहनत करेंगे।”

माता ने गिदोन के 300 योद्धाओं और जवान दाऊद के विश्वास की प्रशंसा की, जिन्होंने सिर्फ परमेश्वर पर निर्भर होकर परमेश्वर की सहायता से दुश्मन को हराया, और हमें भी सिर्फ परमेश्वर पर निर्भर होने और हर बात में परमेश्वर की सहायता से जीत प्राप्त करने के लिए कहा। और माता ने यह याद दिलाया कि पुरोहित कर्मचारियों को परमेश्वर की भेड़ों की रखवाली करने का मिशन सौंपा गया है। और उन्होंने यह भी कहा कि, “यीशु ने हमसे कहा कि अगर हम उनसे प्रेम करते हैं तो हमें उनके प्रेम से परमेश्वर की भेड़ों को चराना चाहिए।”(यूह 21:15–17), और हमसे निवेदन किया कि, “हमें परमेश्वर की इच्छा के अनुसार परमेश्वर के प्रेम के साथ, और दबाव से नहीं परन्तु आनन्द से झुण्ड के लिए आदर्श बनना चाहिए।(1पत 5:2) और ऐसे नबी बनने चाहिए जो हमेशा अपने विश्वास को जांचते हैं और धैर्य रखते हैं।(यश 13:4; 2पत 3:17; प्रक 3:10)”

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने कहा, “आइए हम माता के वचनों को अपने हृदयों पर अंकित करें और हमेशा अपने विश्वास को जांचकर परमेश्वर की इच्छा के योग्य विश्वास रखें और ऐसे नबी बनें जो बहुत आत्माओं को परमेश्वर का प्रेम चराकर उन्हें बचाते हैं।”

महासभा 2 अप्रैल तक, यानी तीन दिनों तक जारी रही। सभा के अंतिम दिन संस्थान की व्यायामशाला में समापन–आराधना आयोजित की गई थी। आराधना के दौरान, माता ने पुरोहित कर्मचारियों से बार–बार कहा कि परमेश्वर के प्रेम से उन भेड़ों की अच्छी रखवाली करें जिन्हें परमेश्वर ने उन्हें सौंपा है।

पवित्र वर्ष के अनुसार नववर्ष के पहले दिन के पहले और बाद दस दिनों तक, परमेश्वर के चरवाहों ने परमेश्वर के प्रेम और आशीषों को पहन लिया जो झरने की तरह उंडेले गए, और वे परमेश्वर पर निर्भर करने वाले दृढ़ विश्वास से भरपूर हुए। उन्होंने परमेश्वर के साथ–साथ चलते हुए परमेश्वर के प्रेम से आत्माओं को बचाने के संकल्प को बांध लिया और जीवन के रक्षकों के रूप में बलपूर्वक संसार की ओर कदम बढ़ाया।

ⓒ 2014 WATV


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